Category : Be Real

Be Real Breaking News Editorial

जवानों की शहादत और एयर स्ट्राइक का एक पहलू यह भी

admin
भारत कभी भी अपने उन शहीदों के बलिदान को नहीं भूल सकता जिसमें देश के 40 वीर जवानों ने बिना लड़े साजिशन अपने प्राणों की
Be Real Breaking News Editorial

मनीषा को इंसाफ दिलाने में कौन देरी कर रहा है…

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उत्तर प्रदेश के सड़कों पर शासन-प्रशासन, राजनीतिक और मीडिया कर्मियों की मारामारी देखी गई। उत्तर प्रदेश के हाथरस में घटित हुई एक बर्बर घटना ने
Be Real Breaking News PPV {Public Point of View}

कोरोना प्राकृतिक वायरस या मानवीय द्वारा पैदा की गई भयंकर बीमारी

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डॉ स्कंद शुक्ला का यह लेख पढ़ें कॉन्सपिरेसी थ्योरी अक्सर आकर्षित करती है। कोरोना के साथ भी ऐसा ही है। ट्रम्प पप्पा ने बोला और
Be Real Breaking News

मोदी-शाह की रणनीति से लोकतंत्र पर गहराया संशय  

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गुलफशा अंसारी  मध्यप्रदेश के गुना संसदीय क्षेत्र के नेता ज्योतिरादित्या सिंधिया का आज भारत की राजनीति में सबसे चर्चित नाम है। सिंधिया ने होली के रंग में
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क्यों है खास है अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, जानें महिलाओं के लिए भारत सरकार की नीतियां

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कई फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए  कई दिए चाहिए एक घर सजाने के लिए मगर एक महिला अकेले ही काफी है घर को
Be Real Editorial

राष्ट्रभक्ति से शुरू हुई भावना राजभक्ति पर खत्म

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सोचती हूँ आज क्या लिखूं.. चंद अल्फाज़ में तुझे बयां क्या करूं… तेरी बुलंदी का सपना हर बार तुझे तोड़कर दिखाया जाता है.. कभी हिंदुस्तान
Be Real PPV {Public Point of View}

देश की बढ़ती आर्थिक बदहाली

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उपेन्द्र प्रसाद (Upendra Prasad Point of View) सरकार के सामने असली चुनौती यह है कि यह मांग पक्ष को कैसे मजबूत करे, लेकिन उसके सामने
Be Real PPV {Public Point of View}

उपासना एवं पर्यावरण संरक्षण का महापर्व है छठ

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-मुरली मनोहर श्रीवास्तव- दीपावली के ठीक छह दिन बाद मनाए जाने वाले छठ महापर्व का धार्मिक दृष्टिकोण से तो विशिष्ट महत्व है ही साथ ही
Be Real PPV {Public Point of View}

व्यंग : पकौड़े ने बदला अपन का मिजाज

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-प्रभुनाथ शुक्ल- साहित्य साधना के लिए कम्प्युटर बाबा को प्रणाम कर योग मुद्रा में तल्लीन था। दिमाग में अनेका नेक विषय आ रहे थे, लेकिन
Be Real PPV {Public Point of View}

यूनिकोड यहां पाठ्यपुस्तकों में आरएसएसः राष्ट्र और राष्ट्र निर्माण की विरोधाभासी अवधारणाएं

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-राम पुनियानी- राष्ट्रवाद एक बार फिर राष्ट्रीय विमर्श के केन्द्र में है। पिछले कुछ वर्षों में हमने देखा कि किस तरह सरकार के आलोचकों को
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