Be Real Breaking News Editorial

जवानों की शहादत और एयर स्ट्राइक का एक पहलू यह भी

Martyrdom of soldiers and one aspect of air strike also

भारत कभी भी अपने उन शहीदों के बलिदान को नहीं भूल सकता जिसमें देश के 40 वीर जवानों ने बिना लड़े साजिशन अपने प्राणों की आहुति दे दी। भारतीय सेना के लिए ऐसा जाल बिछाया गया कि कई माओं के लाल टुकड़ों में अपने घर पहुंचे। सालों की कहानी कुछ टुकड़ों में सिमट कर रह गई थी। माएं चीख कर यहीं कह रही थी कि साहब आप आर्मी में भर्ती होने के लिए एक इंच भी कम नहीं लेते तो मैं अपने बेटे के कुछ हिस्सों से कैसे संतोष कर लूं। यह एक ऐसा हमला था जिसने पूरे देश को झिंझोड़कर रख दिया था। 14 फरवरी 2019 दोपहर करीब 3 बजे जम्‍मू-कश्‍मीर में एक ऐसा आतंकवादी हमला हुआ जिससे पूरा देश दहल उठा। प्रशासन की थ्योरी के मुताबिक सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के जवानों के काफिले में चल रही एक बस में आतंकवादियों ने विस्‍फोटक से भरी कार टकरा दी।

यह भी पढ़े- निर्मला सीतारमण ने कोरोना को बताया दयनीय प्रकोप, कलेक्शन की कमी बनी वजह

सरकार ने अपने नाकामयाबियों का पिटारा जैश-ए-मोहम्मद पर फोड़ते हुए पाकिस्तान को दोषी भी करार कर दिया। देश के उबलते जोश और पाकिस्तान को नस्त नाबूद कर देने का हौसला हर भारतीय के दिलों दिमाग में बैठ गया। नेशनल मीडिया और सरकार ने इस मानसिकता को भुनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। फिर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाकर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने का एक सीक्रेट प्लान बनाया और दावा किया गया कि एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया गया है। जिसमें करीबन 100 पाकिस्तानी आतंकियों की मौत हुई है जो पाकिस्तान सेना की शक्ल में छुपी बैठी थी। हालांकि ये बात और है कि पाकिस्तान ने इस स्ट्राइक का तो जिक्र किया लेकिन किसी तरह की जनहानि होने की बात से साफ इंकार किया।

बता दें कि पुलवामा हमले में जवानों की शहादत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था- मेरे दिल में भी वैसी ही आग है, जैसी आपके दिल में हे। सभी आंसुओं का बदला लिया जाएगा।’ देश भर में इस कायराना हमले के खिलाफ प्रदर्शन हुए। लोगों ने एक ओर नम आंखों से शहीदों को श्रद्धांजलि दी वहीं दूसरी तरफ इसका मुंहतोड़ जवाब देने की पुरजोर मांग भी उठी।  नतीजतन इस हमले के ठीक 12 दिन बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक कर बदला लिया था। जानकारी के मुताबिक सुबह 3 बजे के करीब भारतीय वायुसेना के 12 मिराज विमानों ने पीओके के पार जाकर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के कैंपों पर हमला बोला। बताया जा रहा है कि यह हमला पूरी तरह से सफल हुआ है।

यह भी पढ़े- राष्ट्रभक्ति से शुरू हुई भावना राजभक्ति पर खत्म

12 मिराज विमानों ने करीब 1000 किलो बम गिराए। इस कार्यवाही के बाद सोशल मीडियो से लेकर नेशनल मीडिया और राष्ट्रभक्ति के ठेकेदारों ने इसे पुलवामा अटैक का मुंहतोड़ जवाब समझकर जश्न की तरह से सेलिब्रेट किया।  लेकिन इन सबके बीच देश की जनता, देश के प्रभुत्वजीवी लोगों का इस और ध्यान नहीं गया कि आखिर देश की सीमा में भारी मात्रा में विस्फोटक आया कहां से…. आखिर वो कौन लोग है जिनकी जिम्मेदारी तक तय नहीं की गई। क्यों सिर्फ पाकिस्तान को मुद्दा बनाकर देश में घटित होने वाली इस घटना में हुई अनदेखी की जिम्मेदारी किसी ने नहीं ली । अगर ये मान भी लिया जाए कि यह पूरा मामला पाकिस्तान द्वारा षड़यंत्रित था तो फिर भी पाकिस्तान की सीमा पार कर भारी मात्रा में विस्फोटक भारत की सीमा तक कैसे पहुँचा। इन सबके अलावा सीआरपीएफ के जवान कब कहां किस रास्ते से गुज़रेगें ये जानकारी आतंकियों तक कैसे पहुँची।

ये कुछ ऐसे सवाल है जिसके तह तक जाने की कोशिश भी किसी नेशनल मीडिया या सरकारी एजेंसियों ने जानने या बताने की कोशिश नहीं की है। राष्ट्रवाद को मुद्दा बनाकर देश की जनता का दिल भली भांति रखने का प्रयास किया गया और इस प्रयास में काफी हद तक मोदी सरकार को कामयाबी भी मिली। लोगों ने यह मान लिया कि देश के जवानों की शहादत का बदला ले लिया गया है। हिंदुस्तान जिंदाबाद, पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लग गए। ये बात और है कि पाकिस्तान के बालाकोट में 1000 किलो आरडीएक्स गिराने के बावजूद भी पाकिस्तान ने आज तक इस हमले में हुई जनहानि या फिर किसी मौत का जिक्र तक नहीं किया है। फिर भी देश की जनता को संतोष कि बदला ले लिया गया है। यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि देश कोई भी देश की जनता और इंसान की ज़िंदगी उतनी महत्वपूर्ण है जितनी भारत और भारत के लोगों की।

हमारे देश में एक आतंकी हमले में देश की 40 जवान की शहादत पूरे देश को झिंझोड़ देती है लेकिन कमान है पाकिस्तान में दावा के मुताबिक  तकरीबन 100 आतंकियों की धज्जियां उड़ जाती है लेकिन इस पर न तो कोई चर्चा होती है और न ही किसी तरह की कोई खबर देखने या सुनने को मिलती है। बावजूद इसके देश की सरकार ने  पाकिस्तान से बदला ले लिया। इस बात में कितनी सच्चाई है यह समझने की जिम्मेदारी किसी व्यक्ति विशेष की नहीं है और न ही ये समझने के लिए ज्यादा दिमाग लगाने की जरुरत है कि इस पूरे एयर स्ट्राइक के प्लान का फायदा किसे मिलें। वो कौन सी शख्सियत है जिसने देश की आन को .. देश के सम्मान को… देश के जवानों की शहादत का भरपूर फायदा हासिल किया है। तारीखों पर अगर गौर करें तो शायद यह गुत्थी उतनी भी पेचीदा नहीं है जितना हम और आप समझ रहे है।

 

गुलफशा अंसारी

Related posts

सरकार का यू-टर्न, ई-कामर्स कंपनी अब नहीं कर पाएंगी गैर जरुरी समान की बिक्री

admin

2020 साल का पहला सूर्य ग्रहण, देखें ‘रिंग ऑफ फायर’ का खूबसूरत नजारा

admin

यूनिकोड यहां पाठ्यपुस्तकों में आरएसएसः राष्ट्र और राष्ट्र निर्माण की विरोधाभासी अवधारणाएं

admin

Leave a Comment

UA-148470943-1