जीएसटी काउंसिल की 41वीं बैठक में निर्मला सीतारमण ने कोरोना वायरस को एक Pitiable Wrath बताया.. यानि की एक दयनीय प्रकोप वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से जीएसटी कलेक्शन कम हुआ है। वित्त वर्ष 2021 में जीएसटी कलेक्शन में 2,35,000 करोड़ रूपये कमी रहने का अनुमान है। दोपहिया वाहनों पर टैक्स में कटौती को लेकर जीएसटी काउंसिल की बैठक में कोई फैसला नहीं हो सका। क्योंकि ऑटोमोबाइल सेक्टर की मांग थी की दोपहिया वाहनों पर टैक्स कम किया जा सकें। वित्त मंत्री ने इस सुझाव का स्वागत किया था लेकिन इस पर कोई फैसला नहीं हो सका।
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वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राज्यों को जीएसटी क्षतिपूर्ति के रूप में 1,65,000 करोड़ जारी किए है। इसमें मार्च के 13000 करोड़ भी शामिल है। उन्होनें कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति के एकत्रित उपकर 95,444 करोड़ रूपये था जबकि राज्यों को 1 लाख 65 हजार करोड़ रूपये का भुगतान किया गया। खबरों के मुताबिक केन्द्र ने राज्यों से राजस्व में कमी की भरपाई के लिए दो विकल्प दिए है। पहला केन्द्र उधार लेकर भुगतान करें और दूसरा राज्य खुद आरबीआई से उधार लेकर भुगतान करें। इन दोनों विकल्पों पर विचार करने के लिए राज्यों ने एक हफ्ते का समय मांगा है। कम्पलसेशन की यह व्यवस्था वित्त वर्ष 2021 तक के लिए रहेगी। वित्त सचिव ने वित्त वर्ष 2021 में 65 हजार करोड़ कंपनसेशन शेष कलेक्शन की उम्मीद जताई है।
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वित्त सचिव ने कहा कि बैठक में जीएसटी दरों में बढ़ोतरी को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई उन्होनें कहा कि राज्यों के जीएसटी कम्पलसेशन के लिए अप्रैल से जुलाई अवधि का देढ़ लाख करोड़ रूपये का बकाया है। बता दें कि ऑटोमोबाइल सेक्टर लंबे समय से दोपहिया वाहनों पर लगने वाले जीएसटी में कटौती की मांग कर रहा था और माना जा रहा था कि इस बार बैठक में इसपर चर्चा हो सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ । मौजूदा समय में दोपहिया वाहनों पर 28 फीसदी जीएसटी लगता है। ऑटो मोबाइल सेक्टर के लोग इसे हटाकर 18 फीसदी करने की मांग कर रहे है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी दोपहिया वाहनों पर टैक्स में कटौती के सुझाव का समर्थन किया था