पूरी दुनिया में तुर्की तेजी से सुर्खियों का हिस्सा बनता जा रहा है। तुर्की की उपलब्धियों दिनों दिन बढ़ती जा रही है। जानकारों का मानना है कि 2023 तक तुर्की अपने वर्तमान स्थिति से कहीं ज्यादा सशक्त और शक्तिशाली होगा। न सिर्फ इस्लामिक कंट्री के लिहाज़ से बल्कि दुनिया के जाने माने कंट्री को बराबरी की टक्कर देने योग्य बन जाएगा। तुर्की अपने देश के विकास को लगातार आगे बढ़ा रहा है। 18 यूरोपीय देशों को पछाड़कर तुर्की आगे बढ़ गया है। पूरी दुनिया में तुर्की 5 नंबर का देश बनता जा रहा है। तुर्की के लिए अब वो दिन दूर नहीं जब आने वाले समय में तुर्की नंबर एक के पॉज़िशन पर होगा।
क्योंकि तुर्की अपने देश के विकास के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है। पिछले 20 सालों में तुर्की ने अपने देश को और ज्यादा मजबूत किया है। जब तुर्की राष्ट्रपति की कमान रजब तैयब एर्दोगान ने संभाली है तब से इस देश के सितारे बुलंदी को छू रहे है। बात चाहे टेक्नोलॉजी की हो या और व्यापार की। 2019 के आखिर तक यूरोप महादीप के 25 अलग-अलग देशों ने 298 कार विनिर्माण सुविधाएं दी थी जबकि तुर्की ने 18 यूरोपीय देशों को पीछे छोड़ दिया है। जिसमे 17वें विनिर्माण देश के तौर पर कार विनिर्माण सुविधाएं दे रहे है।
Turkey breaks record to sell cars, created history by beating 18 European countries
दुनियाभर के मजलूमों की मदद बने एर्दोगन
2020 के बाद से तुर्की सुपर पावरफुल कंट्री बनने के लिए काफी मेहनत कर रहा है। तुर्की की मेहनत को पूरी दुनिया देख रही है। तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब का बेबाक अंदाज़ और मजलूमों कि मदद के लिए हमेशा तैयार रहने वाली उनकी छवि ने पहले भी खूब सुर्खियां बटोरी थी। इस प्रकार तुर्की ने 17 प्रतिष्ठानों के साथ 18 यूरोपीय देशों को पीछे छोड़ते हुए 5 स्थान प्राप्त किया है। एर्दो’गान ने आज कि दुनिया में सोशल मीडिया पर ख्याति प्राप्त की है।चाहे वो कोराना महामारी हो या फिर आम दिन।
एर्दोगान हर मुस्लिम देशों का साथ देने के लिए आगे आते रहते है। चाहे वो रोहिंग्या मुसलमान हो या फिर बांग्लादेशी मुसलमान है वो सबको मदद करते है। बता दें कि रजब तैयब एर्दोगान ने BBC मीडिया से बात करते हुए बताया है कि वो नौजवानी के दिनों में नींबू सोडा पानी और तिल लगी हुई रोटी इस्तांबुल के शहर में बेचा करते थे। उनकी शख्सियत जितनी बुलंद है उतनी ही बुलंद उनकी सोच है जिसमें वो पूरी दुनिया को साथ लेकर चलने और अल्प विकसित देशों की मदद के लिए तत्पर रहने की बात करते है।